50+ Famous Dr Kumar Vishwas Shayari in Hindi With Images

 50+ कुमार विश्वास शायरी इन हिंदी

50+ Dr. Kumar Vishwas Shayari in Hindi With Images 2021


हिंदी मंच के प्रसिद्ध कवि डॉ कुमार विश्वास का जन्म 10 फरवरी 1970 को गाजियाबाद यूपी में हुआ था कुमार विश्वास अपनी कविता और शायरी से भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के अनेक देशों में काफी लोकप्रिय हैं (कुमार विश्वास की Best शायरी Collection 2021

आज हम 50+ प्रसिद्ध कुमार विश्वास शायरी हिंदी में पढ़ते हैं Latest Kumar Vishwas Shayari , Top Shayari of Dr Kumar Vishwas , Best Shayari of Dr Kumar Vishwas , Sad Shayari of Kumar Vishwas,  Dr Kumar Vishwas Love Shayari

तो पेश है आपके लिए डॉ कुमार विश्वास की Poetry से ली गयी तथा उनके द्वारा प्रस्तुत की गई दिल को छू जाने वाली शायरी ( कुमार विश्वास शायरी हिंदी में )


Dr Kumar Vishwas Top Shayari Collection 2021 in Hindi Aap हमारी इस Post में पढ़ सकते है

तो चलिए शुरू करते हैं कुमार विश्वास जी की प्रसिद्ध चंद लाइनों के साथ


डॉ कुमार विश्वास शायरी हिंदी Lyrics

*****
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
मगर धरती की बैचेनी को बस बादल समझता है
मै तुझसे दूर कैसा हुँ तू मुझसे दूर कैसी है
यह तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है

*****

*****//*****
कँटकों की सजाती रहो राह तुम
मैं उसी राह पर रोज़ जाता रहूँ
तुम स्वयं को सजाती रहो रात-दिन
रात-दिन मैं स्वयं को जलाता रहूँ
*****//*****

*****
ज़ख्म भर जाएंगे, तुम मिलो तो सही 
दिन सँवर जाएंगे, तुम मिलो तो  सही 
रास्ते  में  खड़े  दो  अधूरे  सपन 
एक घर जाएंगे, तुम मिलो तो सही

*****

*****//*****
मैं ज़माने की ठोकर ही खाता रहूँ
तुम ज़माने को ठोकर लगाती रहो
जि़ंदगी के कमल पर गिरूँ ओस-सा
रोष की धूप बन तुम सुखाती रहो
*****//*****

*****
"एक दो दिन में वो इकरार कहाँ आएगा 
हर सुबह एक ही अखबार कहाँ आएगा 
आज जो बाँधा है इनमें तो बहल जायेंगे
‪रोज़ इन बाँहों का त्यौहार कहाँ आएगा"

*****

*****//*****
तुम्हारा ख्वाब जैसे ग़म को अपनाने से डरता है
हमारी आँख का आँसू, खुशी पाने से डरता है
अजब है लज़्ज़ते ग़म भी जो मेरा दिल अभी, कल तक
तेरे जाने से डरता था, वो अब आने से डरता है..!💔
*****//*****


Love Shayari of Dr Kumar Vishwas


*****
मैं अपने गीत-ग़ज़लों से उसे पैग़ाम करता हूँ 
उसी की दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूँ 
हवा का काम है चलना, दिए का काम है जलना 
वो अपना काम करती है, मैं अपना काम करता हूँ

*****

*****//*****
हर एक कपड़े का टुकड़ा माँ का आंचल हो नहीं सकता,
जिसे दुनिया को पाना है वो पागल हो नहीं सकता,
जफाओं की कहानी जब तलक इसमें न शामिल हो,
मुहब्बत का कोई किस्सा मुकम्मल हो नहीं सकता..।”❤️
*****//*****

*****
जो किए ही नहीं कभी मैंने 
वो भी वादे निभा रहा हूँ मैं
मुझसे फिर बात कर रही है वो
फिर से बातों में आ रहा हूँ  मैं

*****

*****//*****
नज़र अक्सर शिकायत आजकल करती है दर्पण से,
थकन भी चुटकियाँ लेने लगी है तन से और मन से,
कहाँ तक हम संभाले उम्र का हर रोज़ गिरता घर,
तुम अपनी याद का मलबा हटाओ दिल के आँगन से..!
*****//*****

*****
"इक अधूरी जवानी का क्या फ़ायदा?
बिन कथानक कहानी का क्या फ़ायदा?
जिसमें धुलकर नज़र भी न पावन बनें,
आँख में ऐसे पानी का क्या फ़ायदा...!

*****

*****//*****
गीत ढला जब पोर-पोर ने पीड़ा को जपना समझा
ख़ुद का दर्द सहज गया तो दुनिया ने अपना समझा 
शाल-दुशालों में लिपटा यह अक्षर जीवन कविता का
हमने नींद बेचकर पाया दुनिया ने सपना समझा
*****//*****

*****
आप की दुनिया के बेरंग अँधेरों के लिए 
रात भर जाग कर एक चॉंद चुराया मैंने 
रंग धुँधले हैं तो इनका भी सबब मैं ही हूँ 
एक तस्वीर को क्यूँ इतना सजाया मैंने

*****

*****//*****

बात करनी है बात कौन करे
दर्द से दो-दो हाथ कौन करें
हम सितारे तुम्हें बुलाते हैं
चांद ना हो तो रात कोंन करें
जिंदगी भर की कमाई तुम थे
इससे ज्यादा जकात कोन करें

****//*****

*****
महफ़िल महफ़िल मुस्काना तो पड़ता है
ख़ुद ही ख़ुद को समझाना तो पड़ता है 
उसकी आँखों से हो कर दिल तक जाना 
रस्ते में ये मयख़ाना तो पड़ता है

*****

*****//*****
चाँद को इतना तो मालूम है, तू प्यासी है,
तू भी अब उसके निकलने का इंतज़ार न कर,
भूख गर ज़ब्त से बाहर हो तो कैसा रोज़ा,
इन गवाहों की ज़रुरत पे मुझे प्यार न कर...!❤️
*****//*****

*****
तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो
दूरी है, समझता हूँ,

तुम्हारे बिन मेरी हस्ती
अधूरी है, समझता हूँ,

तुम्हें मैं भूल जाऊँगा ये
मुमकिन है नहीं, लेकिन

तुम्हीं को भूलना सबसे
ज़रूरी है, समझता हूँ



*****

*****//*****
नेकियों का सिला बदी में मिले,
और शोहरत की कमाई क्या है,
इस बुलंदी पे आ के जाना है, 
अच्छा होने में बुराई क्या है😊
*****//*****

*****
एक ख़ामोश हलचल बनी ज़िंदगी 
गहरा ठहरा हुआ जल बनी ज़िंदगी 
तुम बिना जैसे महलों में बीता हुआ 
उर्मिला का कोई पल बनी ज़िंदगी

*****

*****//*****
चंद चेहरे लगेंगे अपने से, 
ख़ुद को पर बेक़रार मत करना, 
आख़िर में दिल्लगी लगी दिल पर, 
हम न कहते थे प्यार मत करना
*****//*****

*****
अब कोई और न धोखा देगा 
इतनी उम्मीद तो वापस कर दे 
हम से हर ख़्वाब छीनने वाले 
हमारी नींद तो वापस कर दे

*****

*****//*****
सारे गुलशन में तुझे ढूँढ के मैं नाकारा,
अब हर इक फूल को ख़ुद अपना पता देता हूँ,
कितने चेहरों में झलक तेरी नज़र आती है,
कितनी आँखों को मैं बेबात जगा देता हूँ😍
*****//****

*****
तुम्हीं पे मरता है ये दिल, अदावत क्यों नहीं करता 
"कई जन्मों से बंदी है, बग़ावत क्यों नहीं करता 
कभी तुमसे थी जो, वो ही शिकायत है ज़माने से 
मेरी तारीफ़ करता है, मुहब्बत क्यों नहीं करता

*****

*****//****
नहीं कहा जो कभी, ख़ामख़ा समझती है
जो चाहता हूँ मैं कहना कहाँ समझती है?
सब तो कहते थे ताल्लुक में इश्क़ के अक्सर 
आँख को आँख, ज़बाँ को ज़बाँ समझती है
*****//*****

*****
“कितना मुश्किल है ख़ुद को ही ख़ुद के 
दिल की सीपी में ढाल कर रखना 
आप के पास तो लाखों होंगे 
मेरे वाला सँभाल कर रखना...!

*****

*****//*****
हमें क्या ग़म है ये ग़म को पता न चला, 
हमारी चश्म-ए-नम को पता न चला, 
किसी के आने की हम को ख़बर न हुई, 
किसी के जाने का हम को पता न चला
*****//*****

*****
ये तेरी बेरुख़ी की हम से आदत ख़ास टूटेगी,
कोई दरिया न ये समझे कि मेरी प्यास टूटेगी,
तेरे वादे का तू जाने मेरा वो ही इरादा है,
कि जिस दिन साँस टूटेगी उसी दिन आस टूटेगी

*****

*****//*****
पुराने दोस्त जमे हैं मुंडेर पर छत की, 
ये शाम रात से पहले ढली-ढली सी लगे, 
तुम्हारा ज़िक्र मिला है नरम हवा के हाथ, 
हमें ये जाड़े की आमद भली-भली सी लगे
*****//*****

*****
दूर है तू मगर मैं तेरे पास हूँ 
दिल है गर तू तो दिल का मैं एहसास हूँ
प्रार्थना या इबादत या पूजा कोई 
भावना है अगर तू मैं विश्वास हूँ

*****

कुमार विश्वास की दीवाना शायरी 

*****//*****
तुम्हारा प्यार लड्डुओं का थाल है
जिसे मैं खा जाना चाहता हूँ

तुम्हारा प्यार एक लाल रूमाल है
जिसे मैं झंडे-सा फहराना चाहता हूँ

तुम्हारा प्यार एक पेड़ है
जिसकी हरी ओट से मैं तारों को देखता हूँ

तुम्हारा प्यार एक झील है
जहाँ मैं तैरता हूँ और डूबा रहता हूँ
*****//*****

*****
ताल को ताल की झंकृति तो मिले 
रूप को भाव की अनुकृति तो मिले
मैं भी सपनों में आने लगूँ आपके 
पर मुझे आपकी स्वीकृति तो मिले

*****

*****//*****
एक-दो रोज़ में हर आँख ऊब जाती है 
मुझ को मंज़िल नहीं, रस्ता समझने लगते  हैं
जिन को हासिल नहीं वो जान देते रहते हैं
जिन को मिल जाऊँ वो सस्ता समझने लगते हैं
*****//*****

*****
रंग दुनिया ने दिखाया है निराला, देखूँ
हो अँधेरे में उजाला, तो उजाला देखूँ
आईना रख दे मेरे हाथ में, आख़िर मैं भी
कैसा लगता है तेरा चाहने वाला देखूँ

*****

*****//*****
तिरे माथे पे ये आँचल बहुत ही ख़ूब है लेकिन
तू इस आँचल से इक परचम बना लेती तो अच्छा था
*****//*****

*****
फिर मेरी याद आ रही होगी
फिर वो दीपक बुझा रही होगी
फिर मेरे फेसबुक पर आकर वो
खुद को बेनर बना रही होगी

*****

*****//*****
मेरी आँखों में रोशन है जो वीरानी, तुम्हारी है
बिछुड़ कर तुम से जिंदा हूँ ये हैरानी, तुम्हारी है 
मेरी हर सांस में लय है तुम्हारे दर्द की मुश्किल,
मगर इस दर्द की हर एक आसानी, तुम्हारी है
*****//*****

*****
मॉंग मुझ से है ख़ास दुनिया की 
लफ़्ज़ मेरे हैं आस दुनिया की 
क़तरा-क़तरा है शायरी मेरी 
दरिया-दरिया है प्यास दुनिया की

*****

*****//*****
कलेजे में जलन आँखों में पानी छोड़ जाती हो,
मगर उम्मीद की चूनर को धानी छोड़ जाती हो,
सताने की अदा ये भी तुम्हारी कम नहीं जाना,
कि घर में अपनी कोई एक निशानी छोड़ जाती हो
*****//*****

*****
सियासत! मैं तेरा खोया या पाया हो नहीं सकता,
तेरी शर्तों पे ग़ायब या नुमाया हो नहीं सकता,
भले साज़िश से गहरे दफ़्न मुझ को कर भी दो पर मैं,
सृजन का बीज हूँ मिट्टी में ज़ाया हो नहीं सकता

*****

*****//*****
जो भी ज्यादा या कम समझतें हैं,
तुम को बस एक हम समझतें हैं !
हम ठहाकों का दर्द जीतें हैं,
लोग आँसू को ग़म समझतें हैं !
इसलिए बिस्तरा नहीं करते,
ख़्वाब आँखों को नम समझतें हैं !
जो ना समझा तमाम उम्र हमें,
हम उसे दम-ब-दम समझतें हैं !
*****//*****

*****
कौन आया है यहाँ कौंन आएगा
मेरा दरवाज़ा हवाओ में बजाया होगा

*****

*****//*****
सब अपने दिल के राजा हैं सबकी कोई रानी है 
कभी प्रकाशित हो न हो पर सबकी एक कहानी है 
बहुत सरल है पता लगाना किसने कितना दर्द सहा
जिसकी जितनी आँख हँसे है उतनी पीर पुरानी है
*****//*****

*****
धूप भी खुल के कुछ नहीं कहती 
रात ढलती नहीं, थम जाती  है 
सर्द मौसम की एक दिक्कत है 
याद तक जम के बैठ जाती है

*****

*****//*****
"तेरे वजूद की रग-रग में यूँ पैबस्त हैं हम 
हमारे दावे की अज़ीयत को आज़माया कर 
हमें क़ुबूल नहीं है तेरा उदास बदन 
तू अपने आप से मिल कर भी मुस्कुराया कर" 😊
*****//*****

*****
किसी पत्थर में मूरत है कोई पत्थर की मूरत है
लो हमने देख ली दुनिया जो इतनी ख़ूबसूरत है
ज़माना अपनी समझे पर मुझे अपनी खबर ये है
तुम्हें मेरी जरूरत है, मुझे तेरी जरूरत है

*****

*****//*****
गम में हूँ या हूँ शाद मुझे ख़ुद पता नहीं
 ख़ुद को भी हूँ मैं याद मुझे ख़ुद पता नहीं
  मैं तुझको चाहता हूँ मगर मांगता नहीं
  मौला मेरी मुराद मुझे ख़ुद पता नहीं
*****//*****

*****
भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का
मैं किसी को हकीक़त में बदल बैठा तो हंगामा

*****

*****//*****
तुझ को गुरुर ए हुस्न है मुझ को सुरूर ए फ़न
 दोनों को खुदपसंदगी की लत बुरी भी है
 तुझ में छुपा के खुद को मैं रख दूँ मग़र मुझे
 कुछ रख के भूल जाने की आदत बुरी भी है
*****//*****

*****
मैं मानता हूँ मेरे प्यार में कमी होगी 
मैं मानता हूँ कि इकरार में कमी होगी
ये गिले-शिकवे किसी रोज़ मिटाओ तो सही
फिर वहीं झील किनारे कभी आओ तो सही 

*****

*****//*****
जिसकी धुन पर  दुनिया नाचे दिल ऐसा इकतारा है 
जो तुमको भी  प्यारा है और  जो हमको भी प्यारा है 
झूम रही है  सारी  दुनिया जब कि  हमारे  गीतों  पर 
तब कहती हो प्यार हुआ है, क्या अहसान तुम्हारा है
*****//****


Sad Shayari of Dr Kumar Vishwas



******//*****
दीप ऐसे बुझे फिर जले ही नहीं ,
ज़ख्म इतने मिले फिर सिले ही नहीं,
व्यर्थ किस्मत पे रोने से क्या फायदा ,
सोच लेना कि हम तुम मिले ही नहीं...!”💔
*****//*****

*****//*****
तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है, समझता हूँ,
तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है, समझता हूँ,
तुम्हें मैं भूल जाऊँगा ये मुमकिन है नहीं, लेकिन
तुम्हीं को भूलना सबसे ज़रूरी है, समझता हूँ...!”❤️
*****//*****

आशा करते हैं दोस्तों की आपको डॉ कुमार विश्वास शायरी Collection 2021 जरूर पसंद आया होगा और अच्छी व दिल को टच करने वाली शायरी पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर Visit करें Click Here 👈

Post a Comment

0 Comments